राजनीती

विपक्ष पर नाराज होकर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, ये दुख की बात है, लोग संसद की मर्यादा भूल गए 

नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेटिक लीडरशिप (आईआईडीएल) के छात्रों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी राय रखी। 
इस दौरान उपराष्ट्रपति धनखड़ ने संसद की कार्यवाही को बाधित करने वाले विपक्ष को भी खरी-खोटी सुनाई। उपराष्ट्रपति ने कहा, ये दुख की बात है, लोग संसद की मर्यादा भूल गए हैं। उन्होंने कहा, लोकतंत्र का मंदिर अब अखाड़ा बन गया है। इन दिनों क्या कुछ देखने को नहीं मिल रहा है, क्या कुछ सुनने को नहीं मिल रहा है। जिस तरह के दृश्य हम अपनी संसद में देखते हैं, वह निश्चित रूप से देश में किसी के लिए भी प्रेरणादायक नहीं है। धनखड़ ने कहा, हमें लोकतंत्र की जननी होने पर गर्व है, लेकिन जो देखने को मिल रहा है, उसे कही से भी जायज नहीं ठहराया जा सकता। देश में राजनीतिक माहौल बेहद चिंताजनक है। राजनीतिक दल राष्ट्रवाद, सुरक्षा या विकास के मुद्दों पर विचार-विमर्श नहीं करते हैं। टकराव का रुख मजबूत हो रहा है, अशांति को राजनीतिक रणनीति के तौर पर हथियार बनाया गया है। हर तरफ से जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया जाता है, वह न केवल भारतीय मानस को कमजोर करती है, बल्कि हमारी गौरवशाली सभ्यता को भी धूमिल करती है।

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