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बजट में मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा देने की तैयारी, टैक्स पर कुछ राहत की उम्मीद

नई दिल्ली: 1 फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट 2025-2026 में वेतनभोगियों को बड़ी राहत मिल सकती है। दरअसल, सरकार नई टैक्स व्यवस्था में अहम बदलाव करने की योजना बना रही है। आम बजट में इसका ऐलान किया जा सकता है। आपको बता दें कि नई टैक्स व्यवस्था को डिफॉल्ट सिस्टम के तौर पर सेट किया गया है। यानी अगर करदाता ने नई और पुरानी टैक्स व्यवस्था में से कोई विकल्प नहीं चुना है तो वह अपने आप नई टैक्स व्यवस्था में चला जाएगा। हालांकि, करदाता आयकर रिटर्न दाखिल करते समय इसमें बदलाव कर सकते हैं।

क्या हो सकता है ऐलान

बिजनेस स्टैंडर्ड ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि इस बार बजट में नई टैक्स व्यवस्था के तहत 10 लाख रुपये तक की सालाना आय को टैक्स फ्री किया जा सकता है। इसके अलावा 15 लाख से 20 लाख रुपये तक की सालाना आय पर 25 फीसदी का नया टैक्स स्लैब लाने की योजना है। एक सरकारी सूत्र ने कहा- हम दोनों विकल्पों का मूल्यांकन कर रहे हैं। अगर हमारा बजट इजाजत देता है तो हम दोनों उपायों को लागू कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि सरकार इस तरह की आयकर छूट के परिणामस्वरूप 50,000 करोड़ रुपये से 1 लाख करोड़ रुपये तक का राजस्व घाटा सहने के लिए तैयार है।

अभी क्या है व्यवस्था

फिलहाल, नई कर व्यवस्था के तहत, सालाना 7.75 लाख रुपये तक कमाने वाले वेतनभोगी करदाताओं पर प्रभावी रूप से कोई कर देयता नहीं है, जिसमें 75,000 रुपये की मानक कटौती लागू है। सालाना 15 लाख रुपये से अधिक की आय 30% के उच्च कर स्लैब के अंतर्गत आती है।

कर कटौती की इच्छा

भारत में 57 प्रतिशत व्यक्तिगत करदाता चाहते हैं कि सरकार अगले वित्त वर्ष के बजट में कर कटौती की घोषणा करे। ग्रांट थॉर्नटन इंडिया की सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। इस सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 72 प्रतिशत व्यक्तिगत करदाताओं द्वारा नई आयकर व्यवस्था को चुनने के बावजूद, 63 प्रतिशत करदाता पुराने कर ढांचे के तहत उपलब्ध प्रोत्साहनों को बढ़ाने के पक्ष में हैं। वहीं, नई कर व्यवस्था के प्रति आकर्षण बढ़ाने के लिए करीब 46 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कर की दरें कम करने की वकालत की, जबकि 26 प्रतिशत का मानना ​​है कि छूट की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए।

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