मध्यप्रदेशराज्य

भोपाल में बना सबसे बड़ा फ्लाई ओवर डॉ. आंबेडकर के नाम पर

भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भोपाल के सबसे लंबे ब्रिज जीजी फ्लायओवर का लोकार्पण किया। 153 करोड़ की लागत से बने 2534. मी. लंबे इस ब्रिज को अब डॉ भीमराव आंबेडकर सेतु के नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने संबोधन में इस बात की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस ब्रिज का एक सिरा सुभाष चंद्र बोस सेतु से जुड़ता है तो दूसरा सिरा सावरकर सेतु से जुड़ेगा। ऐसे में हम इस ब्रिज का नाम डॉ भीमराव अंबेडकर के नाम पर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना, अतिक्रमण, मेट्रो प्रोजेक्ट जैसी कई मुश्किलों के बावजूद श्रमिकों ने रात-रात भर जागकर इस सेतु का निर्माण किया।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस के शासन में भोपाल का कभी विकास नहीं हो पाया। कांग्रेस ने भोपाल के विकास को रोके रखा लेकिन पटवा सरकार में विकास की नई इबारत लिखी गई। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द बैरागढ़ ब्रिज का लोकार्पण किया जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने बावडिय़ाकलां में 180 करोड़ की लागत से नया ब्रिज बनाए जाने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द राजधानी वृहद परियोजना का नक्शा आने वाला है। जिसमें भोपाल, रायसेन, सीहोर, विदिशा को मिलाकर एक बड़ी परियोजना बनाई जाएगी।

अधोसंरचना विकास के लिए नागरिक दें सुझाव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के अधोसंरचना विकास को लेकर नागरिकों से सकारात्मक सुझाव आमंत्रित किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास में जन सहभागिता अत्यंत महत्वपूर्ण है। नागरिक अपने बहुमूल्य सुझाव मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज सकते हैं। सरकार इन सुझावों पर गंभीरता पूर्वक विचार करेगी। अच्छे सुझावों पर अमल करने का पूरा प्रयास किया जाएगा।मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस के शासन में भोपाल का कभी विकास नहीं हो पाया। कांग्रेस ने भोपाल के विकास को रोके रखा लेकिन पटवा सरकार में विकास की नई इबारत लिखी गई। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द बैरागढ़ ब्रिज का लोकार्पण किया जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने बावडिय़ाकलां में 180 करोड़ की लागत से नया ब्रिज बनाए जाने का भी ऐलान किया। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द राजधानी वृहद परियोजना का नक्शा आने वाला है। जिसमें भोपाल, रायसेन, सीहोर, विदिशा को मिलाकर एक बड़ी परियोजना बनाई जाएगी।
कांग्रेस ने नेताजी बोस को घर बैठाया
वहीं सुभाष जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उन्हें नमन करते हुए कहा कि नेताजी ने अग्रेजों के शासनकाल में सबसे कठिन आईसीएस की परीक्षा पास की लेकिन उन्होंने अंग्रेजों की गुलामी नहीं की बल्कि देश की आजादी की लड़ाई में शामिल हो गए।लेकिन कांग्रेस ने नेताजी जैसे अच्छे नेताओं को भी परेशान किया। कांग्रेस हमेशा अच्छे नेताओं को घर बैठाने का काम करती आई। वे चुनाव जीतकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने लेकिन आखिरकार उन्हें इस्तीफा देने को मजबूर किया गया। मुख्यमंत्री ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जबलपुर से जुड़े घटनाक्रम का भी जिक्र किया


कांग्रेस ने बार-बार डॉ अंबेडकर के साथ किया अन्याय
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि नेताजी की ही तरह कांग्रेस ने डॉ अंबेडकर के साथ भी बार-बार अन्याय किया। आज कांग्रेस के नेता बगुलाभगत की तरह महू से यात्रा निकालने का सपना देख रहे हैं। लेकिन पहले कांग्रेस को अपने पुराने पापों का हिसाब करना चाहिए। उन्हें अपने गिरेबां में झांककर देखना चाहिए। डॉ अंबेडकर ने धारा 370 समेत जिन मुद्दों का विरोध किया, लेकिन पहले प्रधानमंत्री पं. नेहरु ने उन्हीं फैसलों को लागू किया। कांग्रेस ने बाबा साहब को मनपसंद के विभाग नहीं दिये। उन्हें जीते-जी कोई सम्मान नहीं दिया गया। डॉ अंबेडकर को चुनाव हराने की कांग्रेस ने बार-बार कोशिश की। जिसने डॉ अंबेडकर को चुनाव हराया कांग्रेस ने उन्हें पद्मविभूषण देकर सम्मानित किया। जबकि भाजपा ने बाबा साहब से जुड़े स्थानों को तीर्थ स्थान बनाने का काम किया। उनके जन्मस्थान, दीक्षास्थल, उनकी शिक्षा स्थली, संघर्ष के स्थान, और निर्वाण स्थल को हमने पंचतीर्थ बनाया।

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