धर्म

महाकुंभ 2025: सुरेश रैना और परिवार ने प्रयागराज में संगम स्नान कर आशीर्वाद लिया

महाकुंभ का हिस्सा बनाने के लिए गुरुवार को क्रिकेटर सुरेश रैना अपनी पत्नी प्रियंका व दोस्तों के साथ प्रयागराज पहुंचे। यहां उन्होंने संगम स्नान कर जय श्रीराम के जयकारे लगाए। दिल्ली से विमान से सीधे प्रयागराज एयरपोर्ट पहुंचे रैना कार से आगे बढ़े।एयरपोर्ट रोड की साज-सज्जा देखकर वह अभिभूत हो गए। स्तंभों में भगवान शिव के 108 नामों को देखकर उन्होंने कार रुकवाई और प्रणाम किया। वह बोले कि इतना दिव्य और भव्य दृश्य महाकुंभ के बाहर है, अंदर की दिव्यता तो शब्दों में वर्णित ही नहीं हो सकती।

पीएम मोदी और सीएम योगी की सुरेश रैना ने की तारीफ
पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुरेश रैना ने बेहतर प्रबंधन व व्यवस्था पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की जमकर प्रशंसा की। महाकुंभ के आयोजन को लेकर सुरेश रैना ने सबको शुभकामनाएं दीं। उन्‍होंने कहा कि यहां जो दर्शन करने आ रहे हैं, सबको बहुत-बहुत बधाई।
पत्‍नी और दोस्‍तों संग संगम स्‍नान करने पहुंचे थे सुरेश रैना

सुरेश रैना ने महाकुंभ में संगम में नौका विहार का आनंद लिया
उन्‍होंने कहा क‍ि हमारे उत्तर प्रदेश में यह अद्वितीय आयोजन भारत सरकार और योगी सरकार ने किया है। मैं भी उसका दर्शन करने के लिए आया हूं। मैं अपनी पत्नी और दोस्तों के साथ यहां आया हूं। मैंने संगम में पत्नी के साथ नौका विहार का आनंद ल‍िया। यह कर के मुझे बहुत अच्छा लगा।
की महाकुंभ आने की तारीख हो गई फाइनल, लगाएंगे डुबकी, करेंगे त्रिवेणी की पूजा और आरती

सुरेश रैना बोले- महाकुंभ आकर बहुत अच्‍छा लगा
सुरेश रैना ने पत्रकारों से बातचीत में यह भी कहा क‍ि यहां आकर बहुत शानदार अनुभव रहा है। मैं प्रार्थना करता हूं कि बाबा सबको आशीर्वाद दें। हम यहां नहाएंगे तो और अच्छा लगेगा। उत्तर प्रदेश तो हमारी कर्मभूमि है। यहां से जब दर्शन कर वापस जाएंगे तो और भी शानदार लगेगा।

रैना को हिंदू होने पर गर्व
आपको बता दें क‍ि यह कोई पहला मौका नहीं है जब सनातन संस्कृति के प्रति अपने समर्पण को सुरेश रैना ने दर्शाया हो। वह कई बार कह चुके हैं कि उन्हें हिंदू होने पर गर्व है। वह कश्मीरी ब्राह्मण हैं और पूजा पाठ करते हैं।महादेव की पूजा करते हैं 
सुरेश रैना बजरंगबली के भक्त हैं और जब तक जिंदा हैं, महादेव की पूजा करते रहेंगे। सुरेश रैना कहते हैं कि वह विश्व कप मैच से पहले महामृत्युंजय मंत्र सुनते थे और हनुमान चालीसा का पाढ़ करते थे।

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