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भाजपा ने सिद्दरमैया सरकार पर उठाए सवाल, घोटाले में क्लीन चिट देने का लगाया आरोप

बेंगलुरु। भाजपा ने शुक्रवार को मीडिया में आई खबरों के मद्देनजर मैसुरु जमीन घोटाले में लोकायुक्त जांच की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए है, जिनमें कहा गया है कि लोकपाल की पुलिस शाखा ने मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और उनके परिवार को क्लीन चिट दे दी है।

सीएम सिद्दरमैया, उनकी पत्नी पार्वती बीएम और उनके पत्नी के भाई मल्लिकार्जुन स्वामी एक विशेष अदालत के निर्देश पर लोकायुक्त पुलिस की तरफ से दर्ज मामले में आरोपित हैं।

भाजपा ने उठाए सवाल
एक अखबार में छपी खबर 'मुडा मामला: सिद्दरमैया को लोकायुक्त की क्लीन चिट?' को साझा करते हुए कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि लोकायुक्त की जांच एक दिखावा है और उनकी तरफ से प्रस्तुत रिपोर्ट महज सीएम सिद्दरमैया को बचाने के लिए है। उन्होंने कहा कि यह लोकायुक्त की रिपोर्ट नहीं है, बल्कि सिद्दरमैया बचाओ रिपोर्ट है।

भाजपा ने कही ये बात
अशोक ने इंटरनेट मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि सिद्दरमैया अपने पहले कार्यकाल में लोकायुक्त संस्था को कमजोर किया था और बाद में हाई कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई थी, अब अपने दूसरे कार्यकाल में लोकायुक्त संस्था को अपनी कठपुतली बना लिया है। भाजपा के राज्य प्रमुख बीवाई विजयेंद्र ने एक्स पर कहा- मुख्यमंत्री के दबाव में क्लीन चिट दी गई है।

ये है पूरा मामला
मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA), कर्नाटक की राज्य स्तरीय विकास एजेंसी है। इस एजेंसी का काम लोगों को किफायती कीमत पर आवास उपलब्ध कराना है। मुडा शहरी विकास के दौरान अपनी जमीन खोने वाले लोगों के लिए एक योजना लेकर आई थी।

50:50 नाम की इस योजना में जमीन खोने वाले लोग विकसित भूमि के 50 प्रतिशत के हकदार होते थे। यह योजना 2009 में पहली बार लागू की गई थी। हालांकि, 2020 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया था।

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती का नाम भी इसमें शामिल
आरोप है कि योजना के बंद होने के बाद भी मुडा ने 50:50 योजना के तहत जमीनों का अधिग्रहण और आवंटन जारी रखा। आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती को इसी के तहत लाभ पहुंचाया गया। सीएम सिद्धरमैया की पत्नी की 3 एकड़ और 16 गुंटा भूमि मुडा द्वारा अधिग्रहित की गई।

इसके बदले में एक महंगे इलाके में 14 साइटें आवंटित की गईं। मैसूर के बाहरी इलाके के सारे में यह जमीन मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने 2010 में उपहार स्वरूप दी थी।

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