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दिल्ली के राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में 12 दिनों में तीन वन्यजीवों की मौत, प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

नई दिल्ली। राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में ठंड से वन्यजीवों की लगातार मौत हो रही है। पिछले 12 दिनों में यहां तीन वन्यजीवों की मौत हो गई। मंगलवार को चार वर्षीय मादा बबून ने दम तोड़ गया। मूल रूप से अफ्रीकी मादा बबून (बंदर) भी ठंड लगने से बीमार पड़ गई थी, इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया था। इससे पहले 2 जनवरी को यहां एक नर गैंडा और मादा भालू की मौत हो गई थी।

नहीं किए गए ठंड से बचाव के ठोस उपाय
चिड़ियाघर के सूत्रों के मुताबिक वन्यजीवों को ठंड से बचाने के लिए ठोस उपाय नहीं किए गए हैं, जिससे वन्यजीव बीमार पड़ रहे हैं। नवंबर तक यहां पर जानवरों के बाड़ों में टाट लगना था लेकिन जनवरी तक ये काम होता रहा। दो माह से वन्यजीवों ठंड में ठिठुर रहे हैं, उनके भोजन की मात्रा भी कम है। ठंड को देखते हुए जहां मांसाहारी वन्यजीवों को 12 किलो मांस तक देना होता है वहां 10 किलो से भी कम दिया जा रहा है। वहीं, शाकाहारी वन्यजीवों के शरीर को गर्म रखने के लिए सूखे मेवे भी सही से नहीं दिए जा रहे हैं। जानवरों की इस तरह से लगातार हो रही मौत अधिकारियों की बढ़ती लापरवाही का संकेत है।

सितंबर में गुवाहाटी से लाया गया था नर गैंडा
चिड़ियाघर में नर गैंडा धर्मेंद्र को इसी वर्ष सितंबर माह में गुवाहाटी से लाया गया था। चार वर्षीय ये नर गैंडा पशु विनिमय कार्यक्रम के तहत लाया गया था। चिड़ियाघर के निदेशक से इस संबंध में बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। राष्ट्रीय प्राणी उद्यान के निदेशक ने बताया कि मौत का कारण जानने के लिए सैंपल भेजा गया है। संयुक्त निदेशक को जांच कर तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है। उल्लेखनीय है कि चिड़ियाघर में दिसंबर माह में सफेद बाघिन के नौ माह के शावक की मौत हो गई थी। उसके कुछ दिन पहले दो भालूओं की मौत हो गई थी। उसके पहले मोरनी, ईमू, मादा भेडियों, चिंकारा हिरणों की मौत हुई थी।

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